कहा जाता है जहाँ क्रोध है वहाँ पानी के मटके भी सूख जाते हैं।क्रोधी मनुष्य खुद भी तपता है, दूसरों को भी तपाता है इसलिए अब इस भूत को अन्तर्मुखी बन निकालो।
कोई को दु:ख नहीं देना चाहिए। लड़ाई आदि करना यह सब क्रोध है, सबसे बड़ा दुश्मन है काम। फिर दूसरा नम्बर है क्रोध। एक-दूसरे को दु:ख पहुँचाते हैं। क्रोध से कितनी लड़ाई हो जाती है। बच्चे जानते हैं सतयुग में लड़ाई होती नहीं। यह है रावणपने की निशानी। क्रोध वाले को भी आसुरी सम्प्रदाय कहा जाता है।
क्रोध वाले के साथ क्रोध करने से लड़ाई लग जाती है। बाप समझाते हैं - यह बड़ा कड़ा भूत है, इनको युक्ति से भगाना चाहिए। मुख से कोई कडुवे शब्द नहीं निकालना चाहिए। घर-घर में जहाँ क्रोध होता है, वहाँ अशान्ति बहुत रहती है।
यह 5 विकार अभी फुलफोर्स में हैं। ऑखें बड़ी क्रिमिनल हैं। मुख भी क्रिमिनल है। जोर से बोलने से मनुष्य तप जाता है और घर को भी तपा देते हैं। काम और क्रोध यह दोनों बड़े दुश्मन हैं।
अपने दिल से पूछना है - हमारे में भूत तो नहीं हैं? मोह का भी, लोभ का भी भूत होता है। लोभ का भूत भी कम नहीं। यह सब भूत हैं क्योंकि रावण सेना है।
कोई को दु:ख नहीं देना चाहिए। लड़ाई आदि करना यह सब क्रोध है, सबसे बड़ा दुश्मन है काम। फिर दूसरा नम्बर है क्रोध। एक-दूसरे को दु:ख पहुँचाते हैं। क्रोध से कितनी लड़ाई हो जाती है। बच्चे जानते हैं सतयुग में लड़ाई होती नहीं। यह है रावणपने की निशानी। क्रोध वाले को भी आसुरी सम्प्रदाय कहा जाता है।
क्रोध वाले के साथ क्रोध करने से लड़ाई लग जाती है। बाप समझाते हैं - यह बड़ा कड़ा भूत है, इनको युक्ति से भगाना चाहिए। मुख से कोई कडुवे शब्द नहीं निकालना चाहिए। घर-घर में जहाँ क्रोध होता है, वहाँ अशान्ति बहुत रहती है।
यह 5 विकार अभी फुलफोर्स में हैं। ऑखें बड़ी क्रिमिनल हैं। मुख भी क्रिमिनल है। जोर से बोलने से मनुष्य तप जाता है और घर को भी तपा देते हैं। काम और क्रोध यह दोनों बड़े दुश्मन हैं।
अपने दिल से पूछना है - हमारे में भूत तो नहीं हैं? मोह का भी, लोभ का भी भूत होता है। लोभ का भूत भी कम नहीं। यह सब भूत हैं क्योंकि रावण सेना है।
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