प्र0 क्या विश्व में कभी सुख शांति का राज्य था ?
उत्तर :
मनुष्य कहते है सदेव दुःख सुख दोनों होते है |
साथ में भगवान को सुख शांति के लिए पुकारते भी है और कहते भी है भारत सोने की चिड़िया था |
हेवनली गोद फादर भी कहते है |
तो स्वर्ग की स्थापना भी जरुर की होगी |
सतयुगी राज्य(राम राज्य ) की कल्पना भी करते है |
पर जानते नहीं की भारत में आदि संतान देवता धर्म था और वंहा एक धर्म एक राज्यं एक सत्ता थी |
सभी देवता गुणधारी थे |
धर्म सत्ता व् राज सत्ता एक के हाथ में थी |
दुःख का नाम भी नहीं था |
अकाले मृत्यु नहीं थी |
अब तो जैसे अनाथ हो पड़े है |
धर्म और राज सत्ता दोनों भ्रस्ट हो चुकी है |
भगवान ही अपनी श्रीमत(सच्ची मत) से भारत को श्रेष्ठ से श्रेष्ठ बनाते है |
मनुष्य कहते है सदेव दुःख सुख दोनों होते है |
साथ में भगवान को सुख शांति के लिए पुकारते भी है और कहते भी है भारत सोने की चिड़िया था |
हेवनली गोद फादर भी कहते है |
तो स्वर्ग की स्थापना भी जरुर की होगी |
सतयुगी राज्य(राम राज्य ) की कल्पना भी करते है |
पर जानते नहीं की भारत में आदि संतान देवता धर्म था और वंहा एक धर्म एक राज्यं एक सत्ता थी |
सभी देवता गुणधारी थे |
धर्म सत्ता व् राज सत्ता एक के हाथ में थी |
दुःख का नाम भी नहीं था |
अकाले मृत्यु नहीं थी |
अब तो जैसे अनाथ हो पड़े है |
धर्म और राज सत्ता दोनों भ्रस्ट हो चुकी है |
भगवान ही अपनी श्रीमत(सच्ची मत) से भारत को श्रेष्ठ से श्रेष्ठ बनाते है |
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