योग क्या है…?
योग है
एक प्यार … जोकि हमें इस समय केवल एक बाप (परमात्मा ) (निराकार शिव) से करना है, अर्थात् सब सम्बन्धों का सुख, वैभव, वस्तुओं का सुख केवल बाप से ही अनुभव करना है … और इस सुख, आनन्द, खुशी और संतुष्टता के आगे दुनिया से प्राप्त होने वाला सुख, मिट्टी के बराबर है…।
बस, थोड़ा-सा समय दृढ़तापूर्वक करना पड़ता है। जितना बाप को combined रखोगे, उतनी ही जल्दी प्राप्तियां शुरू हो जायेंगी, फिर तो सहज हो जायेगा…।
इसलिए, अब स्वयं ही स्वयं का निर्णय करो कि हमें कौन-से number में आना है…?
अंत काल भी स्मृति में रखना, क्योंकि वो scene बहुत भयानक, हाहाकार वाला और full पश्चाताप वाला होगा…।
अंत काल भी स्मृति में रखना, क्योंकि वो scene बहुत भयानक, हाहाकार वाला और full पश्चाताप वाला होगा…।
गृहस्थ में रहकर हर कार्य करना है, परन्तु 100% समर्पण बुद्धि अर्थात् न्यारा रहकर, करनकरावनहार की स्मृति में रहकर करना है…, फिर आपका ज़िम्मेवार बाप है…।
अच्छा। ओम् शान्ति।
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