Skip to main content

रोज अभ्यास करने वाले महावाक्य

Enter your email address:


मैल पर फीड बर्नर से प्राप्त लिंक Verify करे

यदि विश्व महाराजा वा विश्व महारानी बनना है … तो पुरानी देह, देह के सम्बन्ध, वस्तु, वैभव, पुराने स्वभाव-संस्कार, सबसे मरना पडे़गा…!
अर्थात् हमेशा स्वयं को ऊँच स्वमान में स्थित कर बाप (परमात्मा शिव) के संग रह, निरसंकल्प स्थिति में रहना पड़ेगा…।
इसके लिए एक तो कोई भी कार्य करते हुए अर्थात् कोई भी कर्मइन्द्रिय द्वारा कर्म किया फिर उससे न्यारे हो, निरसंकल्प स्थिति अर्थात् उस कार्य, परिस्थिति, बोल के प्रभाव से न्यारे हो जाओ…।
और दूसरा; 


कार्य को शुरू करने से पहले, वो कार्य बाप को समर्पण कर दो … और कार्य finish कर, कार्य का result भी बाप को सौंप दो…, फिर आपके हर कार्य का ज़िम्मेवार बाप हो जाएगा…।

और जिस कार्य का ज़िम्मेवार बाप होगा, उस कार्य में आप बच्चे विजयी ना बनो … यह तो असम्भव है…!


देखो, आपके देवी-देवता स्वरूप में भी हर्षित और शान्त चेहरा दिखाते हैं … वो केवल ज़रूरत के शब्द बोल, उससे न्यारे हो जाते हैं … क्योंकि उन्हें पता है कि अन्तिम विजय हमारी ही है…। इतना निश्चय आप बच्चों को भी होना चाहिए, तभी आपकी स्थिति अचल-अडोल होगी…।
और जब इस स्वरूप में रहोगे, तभी आप साक्षात्कार मूर्त बनोगे…।

बस, इसके लिए attention वा अभ्यास की ज़रूरत है…।


Comments

Popular posts from this blog

Revision basics of Python covered in Class XI

Reading Text Files

Writing CSV Files